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कोलकाता में लंबी पूछताछ के बाद जांच में सहयोग न करने पर कसा शिकंजा
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750 करोड़ की हेराफेरी में तीन अधिकारियों की भूमिका
कोलकाता/नई दिल्ली.
प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने सहारा इंडिया के खिलाफ चल रही मनी लॉन्ड्रिंग जांच में बड़ी कार्रवाई की है। ईडी ने कंपनी के पूर्व उप प्रबंध निदेशक (डिप्टी मैनेजिंग डायरेक्टर) ओम प्रकाश श्रीवास्तव को गिरफ्तार कर लिया है। उन पर 150 करोड़ रुपये की धोखाधड़ी का आरोप है। गिरफ्तारी गुरुवार को कोलकाता स्थित ईडी के क्षेत्रीय कार्यालय में हुई।
सहयोग न करने पर हुई गिरफ्तारी
अधिकारियों के मुताबिक, ओम प्रकाश श्रीवास्तव को पूछताछ के लिए कोलकाता दफ्तर बुलाया गया था। घंटों चली पूछताछ के दौरान जब उन्होंने संतोषजनक जवाब नहीं दिए और जांच में सहयोग करने से इनकार किया, तो उन्हें हिरासत में ले लिया गया। श्रीवास्तव सहारा इंडिया से सेवानिवृत्त होने के बाद एक अन्य निजी कंपनी में अपनी सेवाएं दे रहे थे।
अधिकारियों की जेब में गए निवेशकों के पैसे
ईडी की जांच में चौंकाने वाला खुलासा हुआ है। केंद्रीय एजेंसी का दावा है कि जमाकर्ताओं से जुटाई गई रकम में से लगभग 750 करोड़ रुपये कंपनी के तीन आला अधिकारियों के पास डायवर्ट किए गए थे। इस रकम में से 150 करोड़ रुपये सीधे ओम प्रकाश श्रीवास्तव के पास पहुंचे। यह वह पैसा था जो निवेशकों को उनके रिटर्न के तौर पर वापस किया जाना था।
क्या है पूरा मामला?
सहारा इंडिया ने लाखों निवेशकों से छोटी बचत योजनाओं के जरिए मोटी रकम जुटाई थी और अच्छे रिटर्न का वादा किया था। हालांकि, परिपक्वता अवधि (Maturity) पूरी होने के बाद भी जमाकर्ताओं को उनका पैसा वापस नहीं मिला। इसके बाद मामला सुप्रीम कोर्ट पहुंचा। कंपनी पर कुल 1.79 लाख करोड़ रुपये के भ्रष्टाचार और अनियमितता के आरोप लगे थे।
सुप्रीम कोर्ट के आदेश की अवहेलना
सुप्रीम कोर्ट ने मामले की गंभीरता को देखते हुए आदेश दिया था कि कंपनी की संपत्तियां बेचकर जमाकर्ताओं का पैसा लौटाया जाए। जांच एजेंसियों का आरोप है कि आरोपियों ने इस प्रक्रिया में भी धांधली की और फंड को इधर-उधर किया। इस मामले में कंपनी के चेयरमैन रहे सुब्रत राय सहारा, उनके बेटे और कई अन्य वरिष्ठ अधिकारियों के खिलाफ एफआईआर दर्ज की गई थी।






