Search
Close this search box.
Search
Close this search box.

जनधन खातों से 10 करोड़ की ठगी का पर्दाफाश:  मृतक के खाते से ट्रांजेक्शन

जनधन खातों से 10 करोड़ की ठगी का पर्दाफाश

👇खबर सुनने के लिए प्ले बटन दबाएं

Listen to this article

  •  बैंक के अस्थाई कर्मचारी की मिलीभगत, 3 गिरफ्तार

  • केवाईसी अपडेट कराने पहुंचे ग्रामीण के खाते में मिले 2 करोड़

  • शिकायत के बाद खुला रैकेट; इंदौर तक जुड़े तार

बैतूल.

मध्य प्रदेश के बैतूल जिले में पुलिस ने गुरुवार को एक हाई-प्रोफाइल बैंकिंग फ्रॉड का पर्दाफाश किया है। प्रधानमंत्री जनधन (PMJD) खातों के जरिए करीब 10 करोड़ रुपये की अवैध निकासी करने वाले एक अंतरराज्यीय गिरोह का खुलासा करते हुए पुलिस ने तीन आरोपियों को गिरफ्तार किया है। पुलिस अधीक्षक (एसपी) वीरेंद्र जैन ने बताया कि यह गिरोह अपराध की कमाई को इधर-उधर करने के लिए एक मृत व्यक्ति के बैंक खाते का भी इस्तेमाल कर रहा था।

खाते में 2 करोड़ देख उड़े होश

मामले का खुलासा तब हुआ जब खेड़ी सवालीगढ़ निवासी बिसराम इवने (40) हाल ही में अपना ‘नो-योर-कस्टमर’ (KYC) अपडेट कराने बैंक पहुंचे। वहां अपने जनधन खाते में करीब 2 करोड़ रुपये का ट्रांजेक्शन देखकर वे दंग रह गए। बिसराम ने तत्काल इसकी लिखित शिकायत कलेक्टर और एसपी ऑफिस में की। मामले की गंभीरता को देखते हुए साइबर सेल ने जांच शुरू की। जांच में सामने आया कि जून 2025 से अब तक बिसराम के खाते से करीब 1.5 करोड़ रुपये ट्रांसफर किए जा चुके थे।

मृतक के नाम पर भी चल रहा था खेल

साइबर सेल की जांच में एक चौंकाने वाला तथ्य सामने आया। जालसाजों ने केवल बिसराम ही नहीं, बल्कि उसी बैंक में नर्मदा इवने, मुकेश उइके, नितेश उइके, राजेश बर्डे, अमोल और चंदन के खातों से कुल 9,84,95,212 रुपये निकाल लिए थे। पुलिस के अनुसार, राजेश बर्डे, जिसकी मृत्यु हो चुकी है, के खाते का इस्तेमाल गिरोह द्वारा बड़े ट्रांजेक्शन और क्राइम मनी को रोटेट करने के लिए किया जा रहा था।

बैंककर्मी की मिलीभगत, बदल देते थे मोबाइल नंबर

एसपी वीरेंद्र जैन ने बताया कि इस फर्जीवाड़े में बैंक का एक अस्थाई कर्मचारी (Temporary Employee) भी शामिल था। उसने गिरोह को ग्राहकों की गोपनीय जानकारी और एक्सेस प्रदान किया।

  • मोडस ऑपरेंडी: आरोपी खाते से जुड़ा मोबाइल नंबर बदल देते थे, नया एटीएम जारी करवाते और इंटरनेट बैंकिंग एक्टिवेट कर ओटीपी (OTP) इंटरसेप्ट करते थे।

  • दस्तावेज में हेराफेरी: बैंककर्मी की मदद से दस्तावेजों में बिना अनुमति बदलाव किए जाते थे और चेक बुक का गलत इस्तेमाल होता था।

  • इंदौर कनेक्शन: गिरोह हर टारगेटेड खाते की एक ‘किट’ (लिंक्ड सिम, एटीएम, पासबुक, चेकबुक) तैयार करता और उसे बस के जरिए इंदौर भेजता था। वहां बैठे अन्य सदस्य ऑनलाइन ठगी के पैसों के लिए इन खातों का उपयोग करते थे।

भारी मात्रा में एटीएम और सिम कार्ड जब्त

पुलिस ने कार्रवाई के दौरान आरोपियों के पास से 26 सिम कार्ड, 21 एटीएम कार्ड, 28,000 रुपये नकद, 11 पासबुक, 7 चेक बुक, 2 पीओएस मशीन, 2 लैपटॉप और 1 राउटर जब्त किया है। इसके अलावा 69 एटीएम डिपॉजिट स्लिप मिली हैं, जिनमें 21 लाख रुपये जमा होने का रिकॉर्ड है। ट्रांजेक्शन का हिसाब रखने वाली 4 डायरियां भी मिली हैं।

ये हुए गिरफ्तार

पुलिस ने इस मामले में खेड़ी (सावलीगढ़) निवासी राजा उर्फ आयुष चौहान (28), इंदौर निवासी अंकित राजपूत (32) और इंदौर के नरेंद्र सिंह राजपूत (24) को गिरफ्तार किया है। जब्त किए गए इलेक्ट्रॉनिक उपकरणों का फॉरेंसिक एनालिसिस किया जा रहा है और रैकेट से जुड़े अन्य लोगों की तलाश जारी है।

news paper editing
previous arrow
next arrow