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स्मार्ट मीटर की तकनीकी दिक्कतों से बढ़ी गरीबों पर बिजली बिल का बोझ, सरकार करे समाधान – गोपाल साहू

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रायपुर (रोहितास सिंह भुवाल) ।

आम आदमी पार्टी (आप) के प्रदेश अध्यक्ष गोपाल साहू ने छत्तीसगढ़ में लगाए जा रहे नए स्मार्ट मीटरों में आ रही खामियों को लेकर सरकार पर निशाना साधा है। उन्होंने कहा कि स्मार्ट मीटर लगने के बाद से आम जनता परेशान है, क्योंकि जिन उपभोक्ताओं का बिजली बिल पहले 300-400 रुपये आता था, अब वह बढ़कर 1000-1200 रुपये तक पहुंच रहा है। इसके साथ ही बिजली के वोल्टेज में भी समस्या आ रही है, जिससे लोगों के इलेक्ट्रॉनिक उपकरण खराब हो रहे हैं।

भारत के मौसम के अनुकूल नहीं स्मार्ट मीटर:

श्री साहू ने दावा किया कि स्मार्ट मीटर भारत के जलवायु के हिसाब से नहीं बने हैं। उन्होंने कहा कि अभी तो लोगों को यह दिक्कत कम समझ में आ रही है, लेकिन जैसे ही गर्मी बढ़ेगी, मीटर और तेजी से घूमेगा और बिजली का बिल और अधिक आएगा। उनका मानना है कि स्मार्ट मीटर ठंडे प्रदेशों के लिए तो ठीक हैं, लेकिन भारत के मौसम के लिए उपयुक्त नहीं हैं।

ग्रामीण क्षेत्रों में हालात और खराब:

आम आदमी पार्टी के प्रदेश संयुक्त सचिव देविन्दर सिंह भाटिया ने कहा कि एक तरफ सरकार डिजिटल तकनीक की सुविधाओं को बढ़ाने का दावा कर रही है, वहीं दूसरी तरफ स्मार्ट मीटर की कमियों ने सरकार के दावों की पोल खोल दी है। उन्होंने बताया कि ग्रामीण क्षेत्रों में हालात और भी ज्यादा खराब हैं, जहां गरीब लोगों को भारी बिजली बिल थमाए जा रहे हैं। हाल ही में स्मार्ट मीटरों में खामियों को लेकर कई उपभोक्ताओं ने शिकायतें दर्ज कराई हैं।

तकनीकी और संचालन संबंधी खामियां:

श्री भाटिया ने स्मार्ट मीटरों में आ रही विभिन्न तकनीकी और संचालन संबंधी खामियों को भी गिनाया। उन्होंने कहा कि रियल-टाइम डेटा ट्रांसमिशन में त्रुटियों के कारण खपत ज्यादा दिख सकती है। खराब नेटवर्क के चलते रीडिंग सर्वर तक सही से नहीं पहुंच पाती, जिससे बिलिंग चक्र में गड़बड़ी हो जाती है। इसके अलावा, मीटर के सही ढंग से कैलिब्रेट न होने पर बिजली की खपत अधिक या कम दिख सकती है।

हैक‍िंग का खतरा:

उन्होंने यह भी बताया कि स्मार्ट मीटर IoT आधारित होते हैं, इसलिए हैकिंग और डेटा मैनिपुलेशन का खतरा भी बना रहता है। जिसकी ताजा घटना राजधानी रायपुर में सामने आई है, जहां आधुनिक तकनीक से बिजली चोरी पकड़ी गई है। इसके अतिरिक्त, हार्डवेयर खराब होने से मीटर रीडिंग बंद या गलत हो सकती है और बिजली कटने पर रीसेट संबंधी समस्याएं आ सकती हैं। गलत बिलिंग को सुधरवाने की प्रक्रिया भी काफी लंबी होती है, जिससे उपभोक्ताओं को परेशानी होती है। ग्रामीण इलाकों में नेटवर्क की समस्या के कारण स्मार्ट मीटर की रीडिंग में अक्सर फर्क आता है।

सरकार करे तत्काल समाधान:

लोक सभा सचिव ज्ञान प्रकाश तिवारी ने कहा कि आम आदमी पार्टी का मानना है कि छत्तीसगढ़ जैसे ग्रामीण बहुल क्षेत्र में स्मार्ट मीटर की सार्थकता उचित नहीं है। इससे केवल आम लोगों को परेशानी ही होगी। इसलिए उन्होंने राज्य सरकार से स्मार्ट मीटर की तकनीकी समस्या का तत्काल समाधान करने की मांग की है। श्री तिवारी ने चेतावनी दी कि अगर सरकार स्मार्ट मीटर की दिक्कतों का जल्द समाधान नहीं करती है और जनता को इसी तरह समस्याओं का सामना करना पड़ता है, तो उनकी पार्टी आम जनता को साथ लेकर बड़ा आंदोलन करेगी।

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