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छत्तीसगढ़ में फूड प्रोसेसिंग को मिलेगी रफ्तार: सीएम साय ने की ‘निफ्टम’ और रीजनल फूड समिट की मांग

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  • केंद्रीय मंत्री चिराग पासवान से नई दिल्ली में मुलाकात

  • 1000 करोड़ के निवेश और राइस ब्रान ऑयल हब बनाने पर चर्चा

नई दिल्ली.

छत्तीसगढ़ में खाद्य प्रसंस्करण और कृषि आधारित उद्योगों को बढ़ावा देने के लिए मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने केंद्र सरकार से बड़ा सहयोग मांगा है। मंगलवार को नई दिल्ली में केंद्रीय खाद्य एवं उपभोक्ता मामलों के मंत्री चिराग पासवान से मुलाकात के दौरान मुख्यमंत्री ने राज्य में नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ फूड टेक्नोलॉजी, एंटरप्रेन्योरशिप एंड मैनेजमेंट (NIFTEM) की स्थापना का प्रस्ताव रखा। केंद्रीय मंत्री पासवान ने इस प्रस्ताव पर सकारात्मक रुख दिखाते हुए हर संभव सहयोग का आश्वासन दिया है।

युवाओं के लिए गेम चेंजर होगा ‘निफ्टम’

मुलाकात के दौरान मुख्यमंत्री साय ने तर्क दिया कि छत्तीसगढ़ कृषि की दृष्टि से एक समृद्ध राज्य है। यदि यहां निफ्टम (NIFTEM) जैसा राष्ट्रीय स्तर का संस्थान खुलता है, तो राज्य के युवाओं को खाद्य तकनीक और उद्यमिता में उच्चस्तरीय प्रशिक्षण मिल सकेगा। इससे न केवल रोजगार के नए अवसर पैदा होंगे, बल्कि खाद्य-आधारित उद्यमों और किसानों को भी सीधा लाभ मिलेगा।

रायपुर में हो वर्ल्ड फूड इंडिया का रीजनल समिट

मुख्यमंत्री ने केंद्रीय मंत्री के समक्ष ‘वर्ल्ड फूड इंडिया’ के रीजनल समिट की मेजबानी रायपुर को सौंपने का आग्रह भी किया। उन्होंने सुझाव दिया कि दिल्ली के वर्ल्ड फूड इंडिया या गुवाहाटी के नॉर्थ ईस्ट फूड फेस्ट की तर्ज पर इसे हर दो साल में आयोजित किया जा सकता है।

साय ने कहा कि रायपुर की कनेक्टिविटी और यहां की समृद्ध खाद्य परंपरा इसे ऐसे आयोजन के लिए आदर्श बनाती है। इस फेस्टिवल से क्षेत्रीय व्यंजनों को वैश्विक पहचान मिलेगी और नए स्टार्टअप्स के लिए रास्ते खुलेंगे।

फूड टेस्टिंग लैब और इंफ्रास्ट्रक्चर पर जोर

राज्य में खाद्य सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए मुख्यमंत्री ने केंद्र से फूड टेस्टिंग लैब और फूड इर्रेडिएशन यूनिट (खाद्य उत्पादों को सुरक्षित रखने की तकनीक) स्थापित करने में सहयोग मांगा। उनका कहना था कि धान और फल-सब्जी आधारित उद्योगों में निवेशकों की रुचि बढ़ने से महिला स्व-सहायता समूहों और ग्रामीण अर्थव्यवस्था को गति मिलेगी।

‘ड्रूल्स’ कंपनी करेगी 1000 करोड़ का निवेश

चर्चा के दौरान मुख्यमंत्री ने जानकारी दी कि राज्य की नई औद्योगिक नीति में फूड प्रोसेसिंग सेक्टर को प्राथमिकता दी गई है। इसी के तहत ‘ड्रूल्स’ (Drools) कंपनी छत्तीसगढ़ में 1,000 करोड़ रुपये का निवेश कर रही है। इस प्रोजेक्ट से लगभग 3,000 लोगों को रोजगार मिलने की उम्मीद है, जिसका सीधा लाभ आदिवासी और ग्रामीण क्षेत्रों को होगा।

राइस ब्रान ऑयल हब बनेगा छत्तीसगढ़

आत्मनिर्भर भारत के लक्ष्य को साधने के लिए राज्य सरकार ने छत्तीसगढ़ को ‘राइस ब्रान ऑयल हब’ के रूप में विकसित करने का लक्ष्य रखा है। मुख्यमंत्री ने कहा कि इससे खाद्य तेल के आयात पर निर्भरता कम होगी। बैठक में मुख्यमंत्री के प्रमुख सचिव सुबोध कुमार सिंह, सचिव राहुल भगत और इन्वेस्टमेंट कमिश्नर रितु सेन भी मौजूद थीं।

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