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बिलासपुर में पशुओं को खुला छोड़ने पर लगा प्रतिबंध
बिलासपुर।
बिलासपुर में अब सड़कों पर आवारा पशुओं का आतंक बीते दिनों की बात हो सकती है। जिला कलेक्टर संजय अग्रवाल के निर्देश पर, जिले के सभी अनुविभागीय दण्डाधिकारियों (एसडीएम) ने भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता 2023 की धारा 163 को तत्काल प्रभाव से लागू कर दिया है। इस नए और कड़े नियम के तहत, कोई भी पशु मालिक अपने मवेशियों को खुले में नहीं छोड़ पाएगा। उन्हें अपने सभी पशुओं को बांधकर रखना अनिवार्य होगा। यह फैसला शहर और आसपास के इलाकों में बढ़ती सड़क दुर्घटनाओं और यातायात बाधित होने की घटनाओं को देखते हुए लिया गया है।
क्यों उठाना पड़ा यह कदम?
दरअसल, लंबे समय से राजमार्गों, राज्यीय मार्गों और अन्य स्थानीय सड़कों पर आवारा पशुओं की वजह से जान-माल का नुकसान हो रहा था। इन मवेशियों के सड़कों पर घूमने से न केवल दुर्घटनाएं बढ़ रही थीं, बल्कि कानून व्यवस्था और लोक शांति पर भी इसका प्रतिकूल असर पड़ रहा था। इसके अलावा, आवारा पशुओं के जमावड़े से अत्यावश्यक और आपातकालीन सेवाओं के वाहनों का आवागमन भी बुरी तरह प्रभावित होता था, जिससे कई बार गंभीर स्थितियां पैदा हो जाती थीं।
क्या कहता है नया कानून?
एसडीएम द्वारा जारी आदेशों में स्पष्ट कहा गया है कि अब कोई भी पशु मालिक अपने मवेशियों को सार्वजनिक सड़कों या स्थानों पर नहीं छोड़ पाएगा। ऐसा करने पर मालिक भारतीय संहिता 2023 की धारा 291 और पशु क्रूरता अधिनियम 1960 के तहत कठोर सजा या भारी जुर्माना भुगतना पड़ेगा। प्रशासन का मानना है कि इस सख्त कदम से सड़कों पर सुरक्षा बढ़ेगी और यातायात व्यवस्था सुधरेगी।
उल्लंघन पर क्या होगा?
अधिकारियों ने स्पष्ट किया है कि इस अधिनियम का उल्लंघन करने वाले मालिकों को किसी भी सूरत में बख्शा नहीं जाएगा। उन्हें नियमानुसार कठोर दंड या जुर्माना से दंडित किया जाएगा, ताकि अन्य लोग भी इस गंभीर मुद्दे की संवेदनशीलता को समझें और अपने पशुओं को खुले में न छोड़ें। यह आदेश बिलासपुर जिले में सड़क सुरक्षा और सार्वजनिक व्यवस्था को बेहतर बनाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम माना जा रहा है।






