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SIR की समय सीमा बढ़ाने की मांग, बिरगांव एमआईसी सदस्य ने कलेक्टर को लिखा पत्र

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  •  बीएलओ पर काम के दबाव और मौतों का दिया हवाला

  •  उरला के मजदूरों के छूटने की आशंका

  •  15 जनवरी तक तारीख बढ़ाने की अपील

रायपुर (सत्यानंद सोई)

राजधानी रायपुर से लगे बिरगांव नगर निगम क्षेत्र में चल रही निर्वाचन आयोग की SIR (एसआईआर) प्रक्रिया की समय सीमा बढ़ाने को लेकर प्रशासन से गुहार लगाई गई है। बिरगांव नगर निगम के एमआईसी सदस्य इकराम अहमद ने रायपुर कलेक्टर को पत्र लिखकर प्रक्रिया की अंतिम तिथि 4 दिसंबर से बढ़ाकर 15 जनवरी 2026 करने की मांग की है। पत्र में बीएलओ (BLO) पर काम के अत्यधिक दबाव और औद्योगिक क्षेत्र के मजदूरों की समस्याओं का प्रमुखता से जिक्र किया गया है।

मजदूरों के सर्वे से छूटने का खतरा

कलेक्टर को सौंपे गए पत्र में बताया गया है कि बिरगांव नगर निगम, जिसे 2014 में निगम का दर्जा मिला था, की वर्तमान जनसंख्या लगभग 2 लाख है। इसके अंतर्गत उरला औद्योगिक क्षेत्र आता है, जहां बड़ी संख्या में श्रमिक निवास करते हैं। एमआईसी सदस्य ने बताया कि दिन में फैक्ट्री प्रबंधन द्वारा कर्मचारियों को छुट्टी नहीं दी जा रही है, जिसके चलते वे SIR प्रक्रिया में हिस्सा नहीं ले पा रहे हैं। यदि समय सीमा नहीं बढ़ाई गई, तो एक बड़ा तबका इस प्रक्रिया से वंचित रह जाएगा।

बीएलओ पर मानसिक तनाव और मौतों का दावा

पत्र में एक गंभीर मुद्दा उठाते हुए कहा गया है कि निर्वाचन आयोग द्वारा निर्धारित कम समय सीमा के कारण मैदानी अमले, विशेषकर बीएलओ पर भारी मानसिक दबाव है। इकराम अहमद ने समाचार पत्रों की रिपोर्ट्स का हवाला देते हुए दावा किया कि काम के बोझ और तनाव के चलते अब तक 17 बीएलओ की ड्यूटी के दौरान हार्ट अटैक या आत्महत्या जैसी घटनाओं में मृत्यु हो चुकी है।

50 लाख मुआवजे की मांग

पत्र के माध्यम से निर्वाचन आयोग से मांग की गई है कि जिन बीएलओ की ड्यूटी के दौरान मृत्यु हुई है, उनके आश्रितों को कम से कम 50 लाख रुपये का मुआवजा दिया जाना चाहिए। इसके साथ ही, जमीनी हकीकत को देखते हुए और शत-प्रतिशत लक्ष्य हासिल करने के लिए SIR की अंतिम तारीख को 4 दिसंबर से आगे बढ़ाकर 15 जनवरी 2026 किया जाना आवश्यक है।

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